प्रहलाद सबनानी

पूंजी निवेश को बढ़ाकर रोजगार निर्मित करने वाला बजट

2021-22 के आम बजट में किए गए कुल खर्चों 34.83 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान के बाद अब वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कुल खर्चों को बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के निर्यात की ओर अग्रसर भारत

वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत से वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात 100,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है, जो कि अपने आप में एक इतिहास रच देगा।

जयंती विशेष : ‘यदि भारत को जानना चाहते हैं, तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए’

स्वामी जी ने अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीयन देशों में  कई निजी एवं सार्वजनिक व्याख्यानों का आयोजन कर महान हिन्दू संस्कृति के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया एवं उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई।

राजकोषीय दृढ़ीकरण की ओर बढ़ रहा है भारत

केंद्र सरकार द्वारा खर्चों पर नियंत्रण रखकर कर उगाही एवं अन्य स्त्रोतों से आय की उगाही पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसका परिणाम राजकोषीय घाटे में कमी के रूप में दिखाई दे रहा है।

मोदी सरकार के प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी व्यापार का बढ़ रहा योगदान

भारत सरकार ने हाल ही में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की है तथा निर्यातकों को अन्य प्रकार के प्रोत्साहन आदि भी दिए जा रहे हैं।

वित्तीय समावेशन की दिशा में मोदी सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं

जिन राज्यों में प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत अधिक खाते खोले गए हैं तथा वित्तीय समावेशन की स्थिति में सुधार हुआ है, उन राज्यों में अपराध की दर में कमी आई है

दस प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर प्राप्त करने की ओर बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था

अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों (व्यक्तिगत ऋण, सेवा, उद्योग एवं कृषि क्षेत्र) में ऋण प्रदान करने की गतिविधि में महत्वपूर्ण तेजी दृष्टिगोचर हुई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का तेजी से हो रहा औपचारीकरण

गैर-औपचारीकृत लेनदेनों का योगदान वर्ष 2018 में 52 प्रतिशत था अर्थात देश में लगभग आधी अर्थव्यवस्था गैर-औपचारीकृत रूप से कार्यरत थी परंतु अब यह योगदान घटकर लगभग 20 प्रतिशत हो गया है।

भारत से उत्पादों के निर्यात ने पकड़ी तेज रफ्तार

भारत से निर्यात किए जा रहे उत्पादों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि देश से रोजगारोन्मुखी उद्योगों के उत्पाद तेज गति से बढ़ रहे हैं।

कोरोना संकट से उबरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगाई ऊंची छलांग

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली में तो लगातार वृद्धि देखने में आ रही है एवं यह अब प्रति माह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के स्तर पर पहुंच गई है।