विवेक शुक्ला

भाषा की ताकत जाननी हो तो पाकिस्तान का यह इतिहास पढ़ लीजिये !

पाकिस्तान के लिए दो तारीखें अहम हैं। 24 मार्च, 1940 और 21 फरवरी,1952। आप कह सकते हैं कि 24 मार्च, 1940 को पाकिस्तान की स्थापना की बुनियाद रखी गई थी। और 21 मार्च, 1948 को उसी पाकिस्तान को दो भागों में बांटने की जमीन तैयार की गई। संयोग देखिए कि इन दोनों तारीखों से एक खास शख्स जुड़ा है। इसका नाम है मोहम्मद अली जिन्ना।

भारत से नफरत करने वाले जिन्ना की तस्वीर टांगकर क्या साबित करना चाहता है, एएमयू ?

मोहम्मद अली जिन्ना का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के कक्ष में चित्र टंगा होना शर्मनाक ही माना जाएगा। जिस शख्स ने  मुसलमानों का 16 अगस्त, 1946 को आह्वान किया कि वे सीधी कार्रवाई करें पाकिस्तान की मांग मनवाने के लिए, उसका चित्र एक प्रमुख केन्द्रीय यूनिवर्सिटी में होना अक्षम्य है। जिन्ना की बात है, तो शुरूआत उनके सीधी कार्रवाई के आह्वान से ही करते हैं।

अपनों के दबाव में भारत से सम्बन्ध सुधारने को मजबूर चीन !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्रा से एशिया की दो महाशक्तियों के बीच डोकलाम विवाद के बाद पैदा हुई खटास खत्म होने की संभावना है। डोकलाम विवाद पर दोनों देश रणभूमि में आमने-सामने थे। मोदी 27 और 28 अप्रैल को चीन यात्रा पर होंगे। वहां वे अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने तथा दोनों देशों के बीच परस्पर संवाद को बढ़ावा देने के लिए चीन के वुहान शहर में एक

भारत-पाक संबंधों की नई इबारत नहीं लिख सके इमरान !

पाकिस्तान की सियासत में इमरान खान की एंट्री से एक उम्मीद बंधी थी कि पड़ोसी मुल्क को अंतत: एक समझदार नेता मिल गया है। वो पाकिस्तान को आगे चलकर एक सशक्त नेतृत्व दे सकेंगे। वे भारत से संबंध सुधारने की दिशा में भी अहम कदम उठाएंगे। ये उम्मीद इसलिए बंधी थी, क्योंकि उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के दौरान एक साफ-सुथरी पारी खेली थी। पर, इमऱान खान ने क्रिकेटर के रूप में जो सम्मान अर्जित

फिर मार खाकर ही नापाक हरकतों से बाज आएगा पाकिस्तान !

नापाक पड़ोसी पाकिस्तान सीजफायर का निरंतर उल्लंघन कर रहा है। चीन और पाकिस्तान की कोशिश होगी कि भारत को उलझा कर रखा जाए। ये स्थिति गंभीर है। भारत को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने का वक्त है। भारत के आगे 1948, 1965, 1971 और कारगिल में घुटने टेक चुके पाकिस्तान को शायद फिर एकबार मार खाने की इच्छा जागृत हो रही है। उसे पिटने की भूख

पाकिस्तान से अलग होने को बेचैन बलूचिस्तान !

पाकिस्तान के बलूचिस्तान सूबे में पंजाबियों के कत्लेआम से पाकिस्तान सरकार हिल गई है। बीते दिनों वहां पर चार पंजाबियों की नृशंस हत्या की गई। बलूचिस्तचान में नौकरी या बिजनेस करने वाले पंजाबियों को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी चुन-चुनकर मारने का कोई भी अवसर नहीं गंवाती। बलूचिस्तान को पाकिस्तान का क्षेत्रफल के लिहाज सबसे बड़ा सूबा माना जाता है। वहां पर गैस के अकूत भंडार हैं। पर, ये पाकिस्तान का

कर्नाटक से मेघालय तक हिन्दी का विरोध करते कांग्रेसी !

मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने बीते दिनों राज्य विधानसभा के बजट सत्र में अपना भाषण हिन्दी में देकर मानो कोई अपराध कर दिया है! वे जब अपना भाषण हिन्दी में पढ़ रहे थे, तब ही विरोध शुरू हो गया था। बिहार से संबंध रखने वाले गंगा प्रसाद के भाषण समाप्त करने के बाद कांग्रेस के ईस्ट शिलांग से विधायक एमाप्रीन लिंगदोहने विरोध में वाक आउट कर गए, जबकि एक अन्य सदस्य राज्यपाल के भाषण के दौरान

नहीं रहे पाकिस्तान में भारत का पक्ष लेने वाले ओवैस शेख !

वो भारत के मित्र थे। विशेष बात ये है कि वो पाकिस्तानी होने के बाद भी भारत को चाहते थे। नाम था उनाका ओवैस शेख। जिन दिनों पाकिस्तान की जेल में बंद थे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह तब उनकी रिहाई की लड़ाई वकील ओवैस शेख ही लड़ रहे थे। उनका बीते दिनों स्वीडन में निधन हो गया। वे 67 वर्ष के थे। वे जुझारू मानवाधिकारीवादी थे। वे विश्व नागरिक थे। वे धर्म से पहले मानवता को स्थान देते थे। तहरीक-ए-तालिबान से

श्रीलंका से सीरिया तक दुनिया भर में लड़ क्यों रहे, मुसलमान !

श्रीलंका में शांति प्रिय बौद्ध पीछे पड़ गए हैं मुसलमानों के। श्रीलंका के कैंडी जिले में इस हिंसा की शुरुआत हुई। मुसलमानों पर आरोप लग रहे हैं कि वे सीधे-सरल बौद्ध धर्मावलंबियों को मुसलमान बनाने की मुहिम चला रहे हैं। इससे पहले भारत के एक अन्य पड़ोसी देश म्यांमार में भी बौद्धों ने मुसलमानों को खदेड़ना चालू कर दिया था। रोहिंग्या मुसलमानों पर आतंकवाद में सीधे तौर पर शामिल होने के आरोप हैं। यही नहीं, ये रोहिंग्या

पाक उच्च सदन में पहुँची कृष्णा कुमारी की हालत जोगेंद्र नाथ मण्डल जैसी न हो जाए !

पाकिस्तान में कृष्णा कुमारी नाम की हिन्दू महिला का नेशनल एसेंबली के उच्च सदन के लिए चुना जाना और सन 1947 में मोहम्मद अली जिन्ना की कैबिनेट में जोगिन्दर नाथ मंडल को शामिल किए जाने को जोड़कर देखने की आवश्यकता है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में थार से आती हैं कृष्णा कुमारी। वो सिंध की सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सदस्य हैं। कहा जा रहा है कि कृष्णा कुमारी मुस्लिम देश में ‘पहली