कामकाज

योगी सरकार के इन निर्णयों से किसानों के आएंगे अच्छे दिन !

उत्तर प्रदेश की नवनिर्वाचित योगी सरकार की पहली बहुप्रतीक्षित कैबिनेट बैठक मंगलवार को हुई। जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था कि योगी सरकार अपने लोककल्याण संकल्प पत्र में किसानों की ऋण माफ़ी के वादे को पूरा करेगी, वैसा ही हुआ। जाहिर है कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह बार–बार इस बात पर जोर दे रहे थे कि अगर यूपी में भाजपा सत्ता में आती है, तो

‘मेक इन इंडिया’ के आगे धराशायी हुआ ‘मेड इन चाइना’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। चीनी उत्पादों के बाजार के समक्ष अक्सर बौने साबित होने वाले भारतीय उत्पादों का लोहा अब दुनिया भी मानने लगी है। हाल ही में यूरोपीय संघ समेत दुनिया के 49 देशों के उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में भारत को 36 अंक दिए गए है, जबकि पड़ोसी मुल्क चीन को 28 अंको के

स्वास्थ्य क्षेत्र की सभी समस्याओं और चुनौतियों का ज़वाब है नयी स्वास्थ्य नीति

सरकार ने नई स्वास्थ्य नीति की घोषणा संसद में कर दी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह एक बड़ा ऐतिहासिक कदम है। लेकिन मीडिया में उसे वह तवज्जो नहीं मिली, जो मिलनी चाहिए थी। नरेन्द्र मोदी की अगुआई में देश ने आजादी के बाद सही मायनों में दो बुनियादी चीजों पर खास ध्यान दिया है – शिक्षा और स्वास्थ्य। नयी स्वास्थ्य नीति पूर्णतः जनोन्मुखी है। एक तो सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्यों केंद्रों में साधारण रोगों के लिए

मोदी सरकार के प्रयासों से बेरोजगारी के ख़ात्मे की जगती उम्मीद

मोदी सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद से युवाओं को रोजगार देने के लिए व्यापक स्तर पर बहुआयामी प्रयास किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से लेकर स्टार्टअप इंडिया तक विविध प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की गयी हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार फिलवक्त भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा देश है। इनमें से अनेक युवाओं को रोजगार सम्बन्धी कौशल विकास करके रोजगार योग्य

स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरी की उम्मीद जगाती राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति

वर्ष 2014 में सत्तारूढ़ होने के बाद मोदी सरकार द्वारा नयी स्वास्थ्य नीति को लेकर कवायदे शुरू की गयीं। नयी स्वास्थ्य नीति का एक प्रारूप लोगों की राय जानने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला गया। उसपर तमाम लोगों के सुझाव आए जिनका मिला-जुला रूप आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के रूप में देश के सामने आया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमंडल से

स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल है राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति

मोदी सरकार की केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति – 2017 को मंज़ूरी दे दी गयी। इसके जरिए देश में सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार की इस नीति के तहत अब देश का हर नागरिक स्वास्थ्य लाभ का हकदार होगा। दरअसल इस नीति की भूमिका सन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आते ही तैयार कर दी गयी थी, जब इसके एक प्रारूप को जनसामान्य की राय के

मोदी सरकार की कोशिशों का दिखने लगा असर, बेरोजगारी दर में आयी भारी गिरावट

देश की सत्ता पर काबिज होते ही जनता के सपनों के बारे में सोचने वाली मोदी सरकार ने जनहित की दिशा में अब एक और उपलब्धी हासिल की है। गत दिनों आई एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेरोजगारी की दर में पिछले 6 महीनो में गिरावट दर्ज की गई है। एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग ने एक नोट में कहा, हमारा मानना है कि बेरोजगारी में गिरावट का प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नये

सीएसओ ने जारी किए आंकड़े, नोटबंदी का नहीं पड़ा अर्थव्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव

नोटबंदी पिछले तीन महीनो से देश के सबसे चर्चित विषयों में से एक रही है। विपक्षियों द्वारा नोटबंदी के बाद इस बात को लेकर बहुत शोर किया गया कि नोटबंदी से देश की कृषि और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, कुछ समय पहले आये फसल उत्पादन में वृद्धि के आंकड़ों के बाद जहां यह साफ़ हो गया कि नोटबंदी से कृषि पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है; वहीँ अभी हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकी

सरकार की कृषि नीतियों का दिखने लगा असर, फसलों के उत्पादन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

नोटबंदी के बाद विरोधियों द्वारा सबसे ज्यादा इस बात पर बवाल किया गया कि इससे किसानों और खेती को बहुत नुकसान पहुंचेगा। कृषि व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, अगर इस साल के पैदावार से सम्बंधित आंकड़ों पर गौर करें तो विरोधियों के सभी दावों की पोल खुलकर सामने आ जाती है। चालू फसल वर्ष में अबतक की सर्वाधिक पैदावार हुई है। पैदावार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है मानसून; जो कि

अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करने के साथ ही विश्व पटल पर अग्रणीय होने का दर्जा हासिल किया। इसके पहले एक साथ इतने सैटेलाइट कभी किसी देश ने नहीं छोड़े थे। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड अभी तक रूस के पास था, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट भेजने