कामकाज

समय की मांग है नकदी रहित अर्थव्यवस्था

8 नवम्बर को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में पाँच सौ और एक हजार के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया गया और फिर इनकी जगह पाँच सौ और दो हजार के नये नोटों की शुरुआत की गई। चूंकि, पाँच सौ और हजार के पुराने नोट देश की कुल नकदी का ८६ प्रतिशत थे, इसलिए इनका प्रतिबंधित होना देश की अर्थव्यवस्था से लेकर आम जनों की घरेलू आर्थिकी तक को सीधे-सीधे प्रभावित करने वाला था। बैंकों के आगे

जीएसटी से मिलेगी भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर क़ानून है, जो भारत की वर्तमान अप्रत्यक्ष टैक्स लगाने के पूरे सिस्टम को बदल देगा। 3 अगस्त, २०१६ को यह राज्यसभा में पारित हो गया और आगामी वित्त वर्ष से लागू भी हो जाएगा। अभी वर्तमान में वस्तुओं पर वैट और सेवा कर तथा सेवाओं पर सेवा कर लगता है और विभिन्न तरह के अलग-अलग टैक्स जैसे प्रोफेशनल टैक्स, चुंगी इत्यादि अप्रयक्ष टैक्स लग रहे

नोटबंदी : कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ता देश

देश को भ्रष्टाचार और कालेधन से मुक्त करने के लिये प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी की 8 नवंबर को एकाएक की गई घोषणा ने सभी हलकनों में हलचल-सी पैदा कर दी। इस ऐलान के बाद से सभी 500 और 1000 रूपये के पुराने नोट अमान्य हो गये। हालांकि इस देशव्यापी फैसले से लोगों को थोड़ी समस्या का सामना तो करना पड़ रहा है, किंतु अब लोग कैशलेस और मोबाइल वॉलेट का अधिक उपयोग कर रहे हैं, जिससे

जीएसटी : आम आदमी और अर्थव्यवस्था दोनों के अच्छे दिन लाने वाला कदम

तमाम सियासी दाँव-पेंचों के बावजूद 3 अगस्त, 2016 को राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हुआ, जिसके साथ ही देश में लंबे समय तक उलझा हुआ एक महत्वपूर्ण निर्णय अपने मुकाम पर पहुँचा, जिसका श्रेय निश्चित तौर पर मोदी सरकार को जाता है। सरकार की सक्रियता ही इस आवश्यक आर्थिक सुधार के ऐतिहासिक कदम को उठाने के लिए जिम्मेदार है। विपक्ष द्वारा लगातार रुकावटें उत्पन्न

ग्रामीण विकास को गति दे रही दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

ग्रामीण भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरूआत की। सरकार की अन्य योजनाओं की तरह की इसका लाभ आम जनता को मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने इसे मजबूत बनाने के लिए प्रमुख भाग में अलग-अलग फीडर की व्यवस्था कर बिजली के वितरण नेटर्वक को मजबूत किया है। इसके साथ ही सभी घरों में बिजली की सप्लाई

काले धन के बाद अब बेनामी संपत्ति पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की तैयारी में सरकार

अच्छे दिन लाने के साथ सत्ता मे आई मोदी सरकार जनता के लिए अच्छे दिन ला रही है और भष्ट्राचारियों के लिए बुरे दिनों का आगाज कर चुकी है। सरकार के नोटबंदी के फैसले से कालेधन के जमाखोर जिस तरह छटपटा कर अपने नोटों को इधर-उधर ठिकाने लगा और नष्ट कर बचने की कोशिश कर रहे हैं, ठीक कुछ उसी तरह अब बेनामी सम्पत्ति के मालिक भी अपने–अपने नाम को भष्ट्रचारियों की सूची मे आने से

काले धन पर मोदी सरकार का एक और वार, शुरू हुई बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई की तैयारी!

नोटबंदी के बाद आम जनता की परेशानियों का बहाना बनाकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किए जाने की तैयारियां तो विपक्ष द्वारा खूब की गईं, लेकिन सब विफल हो गया। जनता मजबूती के साथ इस कदम में देश और सरकार के साथ खड़ी है। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार द्वारा बेनाम संपत्ति वालों पर भी नकेल कसने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। चूंकि, काले धन का बड़ा हिस्सा इस तरह की संपत्ति में लगाकर

नकदी के जाल से निकलकर डिजिटल अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने का समय

लेखक अमिष त्रिपाठी की तीन खण्डों में शिव की एक काल्पनिक कहानी है, जो सोमरस नामक अमरता देने वाले द्रव्य की कथा है। यह एक अमृत था, परन्तु इस अमृत के दुष्प्रभाव भी थे, जिसको वहां के राजा दक्ष प्रजा से छुपा रहे थे। जिस तरह समुद्र मंथन में अमृत के साथ विष भी निकला, उसी तरह इस अमृत की निर्माण प्रक्रिया में इसके साथ-साथ विष भी बनता था। इस कहानी में जो सबसे महत्वपूर्ण है, वो यह कि

काला धन धारकों पर मोदी सरकार का करारा वार

30 सितम्बर, 2016 की तारीख इतिहास में दर्ज हो चुकी है। इसी रोज भारतीय सेना के डीजीएमओ द्वारा प्रेस वार्ता करके यह सूचना दी गई कि सेना ने पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में जाके आतंकी कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई है। देश सेना के इस सर्जिकल स्ट्राइक पर गर्वित हुआ, मगर तब उसे अंदाजा नहीं था कि इस तारीख के बाद ही एक और बहुत बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की पटकथा तैयार हो रही थी।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : कृषि उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ कृषि आज भी देश की सर्वाधिक आबादी का कार्यक्षेत्र है। ऐसा कहने में दो राय नहीं है कि यहां के लोग सीधे मिट्टी से जुड़े हुए हैं। जिस तरह भारत के लोगों मिट्टी से जुड़े हुए है, ठीक उसी तरह फसल को लहलहाने और फसल से उसे सोना बनाने के लिए मिट्टी उतनी ही जरूरी है। मिट्टी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य