कोरोना के प्रभाव से उबरकर रफ़्तार पकड़ रही जीडीपी

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की पुष्टि विविध रेटिंग एजेंसियों ने भी की है। तालाबंदी को अनलॉक करने की प्रक्रिया के ख़त्म होने के बाद देशभर में आर्थिक गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं और धीरे-धीरे इसमें तेजी आ रही है।

देश के कई क्षेत्रों में दूसरी तिमाही के दौरान आर्थिक सुधार के संकेत दिखे हैं, जिसके कारण अनेक रेटिंग एजेंसियों ने दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर में सुधार आने का अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े 27 नवंबर को पेश किये जा सकते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जीडीपी के आंकड़े जारी करने के बाद देश में विकास की वास्तविक तस्वीर सामने आयेगी।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की पुष्टि विविध रेटिंग एजेंसियों ने भी की है। तालाबंदी को अनलॉक करने की प्रक्रिया के ख़त्म होने के बाद देशभर में आर्थिक गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं और धीरे-धीरे इसमें तेजी आ रही है।

विकास की दर को बेहतर करने के लिये सरकार लगातार कोशिश कर रही है। उसने आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिये कई पैकेजों का भी ऐलान किया है। दी गई रियायतों से फिर से कारोबार ने रफ़्तार पकड़ना शुरू कर दिया है।

साभार : Outlook India

कोरोना महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी दर प्रभावित हुई थी, लेकिन दूसरी तिमाही में निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा बेहतरी आई है। इससे इंड्रस्ट्रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में भी सुधार आने की संभावना बढ़ी है। जीवीए विकास का मानक है। इसमें बेहतरी आने का मतलब विकास दर में बढ़ोत्तरी हो रही है।

इन्वेस्टमेंट बैंक बार्केलेज के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आने के पूर्वानुमान में सकारात्मक बदलाव आया है। बैंक ने पहले जीडीपी दर में 2.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान लगाया था। अब बैंक का मानना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी 8.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है। बैंक ने यह भी कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर ने कोरोना महामारी के पहले के स्तर को पार कर लिया है।

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने भी अपने पहले के अनुमान में संशोधन किया है, जो पहले से बेहतर है। इसने भारत की जीडीपी वृद्धि दर के 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैश ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की जीडीपी अनुमान में सुधार किया है। गोल्डमैन सैश ने कोरोना वायरस के वैक्सीन के जल्द आने की संभावना के आलोक में भारत के जीडीपी अनुमान में सुधार किया है।

सरकार की प्रभावी नीतियों की गतिशीलता के लगातार कायम रहने पर यह एजेंसी इसमें और भी सुधार कर सकती है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ेगी।

इससे पहले रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में सुधार किया था। मूडीज की ताजा रिपोर्ट में इमर्जिंग मार्केट में आर्थिक गतिविधियों में सुधार आने की बात कही गई है, जिसमें भारत, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, इंडोनेशिया, टर्की और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिये सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), दिवाला और शोधन अक्षमता कोड यानी दिवालिया कानून (आईबीसी) और मौद्रिक नीति समिति के गठन सहित  अनेक सुधार किए हैं, जिसका सकारात्मक असर विकास दर पर परिलक्षित हो रहा है।

(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसंधान विभाग में कार्यरत हैं। आर्थिक मामलों के जानकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)