प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और दुनिया के हर भारतीय का गौरव बढ़ाया है!
नरेंद्र मोदी की यह वैश्विक नेता की छवि हर भारतीय, फिर चाहें वो भारत में रहने वाला हो या प्रवासी हो, सबके लिए गर्व और गौरव की ही बात है।
पीएम-श्री योजना : स्कूली शिक्षा में सुधार की पहल
पीएम-श्री योजना के तहत विकसित स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा निर्धारित कसौटियों के अनुरूप स्वयं को एक उदाहरण की तरह प्रस्तुत करते हुए अपने आसपास के स्कूलों को भी अपनी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत
मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में भारत ने वो काम भी कर दिखाया जो पूर्ववर्ती सरकारों के लिए असंभव माना जाता था। आज वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : अनुभव एवं संघर्षों की आँच में तपकर निखरे-चमके लोकप्रिय राजनेता
जब प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि राजनीति उनके लिए सत्ता व सुविधा की मंजिल नहीं, सेवा का माध्यम रही है तो उनका यह वक्तव्य अतिरेकी या अविश्वसनीय नहीं लगता।
वैश्विक नेता के रूप में स्थापित होते मोदी
राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे मोदी के कार्यों को तो दुनिया देख-परख रही ही है, बीते आठ सालों में विश्व पटल पर भी मोदी का नेतृत्व-कौशल उभरकर सामने आया है।
अपनी जड़ों से जुड़कर मानसिक दासता से मुक्त होगा भारत!
भारत अपनी जड़ों से जितना अधिक जुड़ेगा, उतना ही उसमें आत्मगौरव और आत्मविश्वास की भावना का विकास होगा तथा मानसिक दासता से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
भारतीय हथकरघा उद्योग के गौरवशाली दिन वापस लाने हेतु प्रयासरत मोदी सरकार
देश में अभी तक 11 ऐसे क्षेत्र चुने गए हैं जहां विदेशी पर्यटक अधिक संख्या में जाते हैं एवं इन स्थानों पर हथकरघा उद्योग की इकाईयां स्थापित की गईं हैं।
योग : भारत की सपूर्ण विश्व के लिए सौगात
योग में निहित आसन और प्राणायाम हमे दैनिक जीवन में रोग से मुक्त तो रखते ही हैं, लेकिन योग मात्र आसन, प्राणायाम और मुद्राएं ही नहीं बल्कि योग जीवन जीने की पद्धति है।
आम जनमानस के सपनों के पंख को परवाज देती मोदी सरकार
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मूल मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ के माध्यम से विकास के सर्वसमावेशी मॉडल को लेकर आगे बढ़ रहें हैं।
मोदी सरकार में संशयमुक्त हो राष्ट्रीय हितों का प्रभावी साधन बनी भारतीय विदेश नीति
भारतीय विदेश नीति में यह पहला ऐसा दौर है जब वैश्विक संगठनों, वैश्विक मंचों और बहुराष्ट्रीय घटनाक्रमों में भारत मूकदर्शक नहीं, इनका सक्रिय भागीदार है।