अयोध्या

अयोध्या दीपोत्सव : फिजी तक गूँजा मंगल भवन अमंगल हारी

इसबार अयोध्या के दीपोत्सव में फिजी की डिप्टी स्पीकर व सरकार में मंत्री वीणा भटनागर मुख्य अतिथि थी। केवल इतने पर ही विचार करें तो बात सामान्य लगती है। अनेक प्रमुख समारोहों में विदेशी मेहमानों को बुलाया जाता है। लेकिन अयोध्या दीपोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में विदेशी मेहमान की भागीदारी भावनात्मक रूप से भी विशिष्ट थी। यह भावना फिजी की मंत्री वीणा और

अयोध्या में साकार हुआ त्रेतायुग का दीपोत्सव

प्रभु राम के वियोग में अयोध्या के लोग भी चौदह वर्ष तक बेचैन रहे थे। इन सभी को वनवास की समाप्ति और प्रभु की वापसी की प्रतीक्षा थी। ज्यों ज्यों यह समय निकट आ रहा था, जनमानस की व्याकुलता बढ़ती जा रही थी। भरत जी ने चित्रकूट में प्रभुराम से कहा था कि यदि वनवास के बाद निर्धारित अवधि तक आप वापस अयोध्या नहीं आये तो वह अपना जीवन ही समाप्त कर लेंगे।

इसबार और दिव्य-भव्य होगी अयोध्या की दीपावली

कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में भव्य दिव्य कुम्भ का सफल आयोजन किया था। अब अयोध्या में भव्य दिव्य दीपावली का आयोजन होगा। योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इसके लिए कमर कसी है। वह तीर्थाटन व पर्यटन के प्रति शुरू से गम्भीर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे विश्व में भारत की छवि बनती है, इसी के साथ स्थानीय स्तर पर परोक्ष व अपरोक्ष रोजगार का भी सृजन होता है।

मोदी और योगी के राज में अपने गौरव के अनुकूल विकसित हो रही अयोध्या

यह मानना पड़ेगा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार केंद्र के प्रयासों में सहयोगी की भूमिका का बखूबी निर्वाह कर रही है। यह सहयोग सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की गौरव-गाथा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि केंद्र की विकास और कल्याणकारी योजनाओं को भी प्रदेश में बेहतर ढंग से लागू किया गया है। इतना ही नहीं कई क्षेत्रों में तो राष्ट्रीय स्तर के कीर्तिमान भी स्थापित हुए।

‘राम मंदिर के लिए शांतिपूर्ण प्रयास होने चाहिए और धर्मसभा ने वही किया’

अयोध्या में धर्मसभा को लेकर अनेक प्रकार की अटकलें लगाई जा रही थीं। यहां तक कि सेना को भेजने तक की मांग की गई। लेकिन यहां पहुंचने वाले रामभक्तों ने धर्मसंसद की मर्यादा कायम रखी। समाज के साथ सरकार ने भी अपनी प्रशासनिक कुशलता का परिचय दिया। जितनी बड़ी संख्या में रामलला के दर्शन की अनुमति प्रदान की गई, उसे अभूतपूर्व कहा जा सकता

श्री रामायण एक्‍सप्रेस : धार्मिक पर्यटन को नए आयाम देने की दिशा में रेलवे की अनूठी पहल

श्री रामायण एक्‍सप्रेस नाम की यह ट्रेन, एक नई प्रकार की टूरिस्‍ट ट्रेन है। अपने नाम के ही अनुसार यह ट्रेन देश के उन सभी प्रमुख तीर्थ स्‍थानों को अपनी यात्रा में शामिल करेगी जिनका कि रामायण में उल्‍लेख है। इसमें श्रीराम के जन्‍म स्‍थान अयोध्‍या से लेकर दक्षिण भारत में रामेश्‍वरम तक प्रमुख तीर्थ स्‍थान शामिल होंगे। इस नई ट्रेन में यात्रा करने के लिए लोगों में काफी उत्‍साह

‘अयोध्या हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है, इसके साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता’

दीपावली त्रेता युग से चली आ रही भारतीय परंपरा है। इस दिन प्रभु राम लंका विजय कर अयोध्या पधारे थे। अयोध्या की उदासी दूर हुई। उत्साह, उमंग का वातावरण बना। इसीकी अभिव्यक्ति दीप जला कर की गई। इसी के साथ एक सन्देश भी निर्मित हो गया। सन्देश असत्य पर सत्य की जीत का था। कार्तिक मास की गहन अंधकार वाली अमावस्या की  रात्रि दीयों की रोशनी से नहा

अयोध्या में पुनः साकार हुई त्रेता युग की दीपावली !

बुधवार 18 अक्‍टूबर का दिन अयोध्‍या नगरी के लिए अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक था। पूरे नगरवासियों ने कुछ ऐसा देखा जिसकी अभी तक कल्‍पना भी नहीं रही होगी। दीपोत्‍सव का पर्व यादगार बन गया। मानो साक्षात त्रेता युग इस युग में उतर आया हो। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की पहल पर अयोध्‍या में दीपावली पर्व भव्‍य पैमाने पर मनायी गयी। इस आयोजन की सूत्रधार भले ही सरकार थी, लेकिन यह जन

यदि वामपंथी इतिहासकार न होते तो अबतक सुलझ गया होता राम मंदिर मुद्दा

री के के मोहम्मद ने मलयालम में लिखी अपनी आत्मकथा ‘नज्न एन्ना भारतीयन’ (मैं एक भारतीय) में सीधे तौर पर ‘रोमिला थापर’ और ‘इरफ़ान हबीब’ पर बाबरी मस्जिद विवाद को गलत ढंग से प्रस्तुत करने का आरोप में लगाते हुए लिखा है – 1976-1977 में जब प्रो. बी लाल की अगुआई में वहां पर खुदाई हुई थी, तो उसमें भी वहाँ मंदिर के साक्ष्य पाए गए थे। मोहम्मद के इस मत से इतिहासकार ‘एमजीएस नारायन’ ने भी सहमति जताई है। बावजूद इसके इन तमाम वामपंथी इतिहासकारों ने यह बात कभी नही स्वीकार की कि

राजनीति नहीं, राम-भक्ति से प्रेरित है रामायण संग्रहालय के निर्माण का फैसला!

भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में ‘रामायण संग्रहालय’ के निर्माण का साहसिक और सराहनीय निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है। वहीं, राज्य सरकार ने भी सरयू नदी के किनारे रामलीला थीम पार्क बनाने का निर्णय लिया है। राम भक्तों पर गोली चलाने वाले और खुद को मौलाना मुलायम कहाने में गर्व की अनुभूति करने वाले मुलायम सिंह यादव के बेटे और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने थीम पार्क को