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बजटीय प्रावधानों से बैंक होंगे मजबूत, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति

बैंकों को अर्थव्यवस्था का मूल आधार माना जा सकता है। इन्हें मजबूत किये बिना हम अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं। भारत को 2024 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये बैंकिंग क्रेडिट को मौजूदा स्तर से दोगुना करना जरूरी है जिस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।

बैंकों के एकीकरण से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए 30 अगस्त को मोदी सरकार ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की घोषणा कर दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण के अनुसार अगले 5 सालों में पाँच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये देश में बड़े बैंकों का होना जरूरी है।

एनबीएफसी को मजबूत करने की कवायद

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अनुमान जताया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की नकदी की समस्या जल्दी ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक, बैंकिंग प्रणाली में भारी मात्रा में पूंजी डाल रहा है। दास के अनुसार मामले में बैंकों के सकारात्मक रुख अपनाने से भी एनबीएफसी पर मंडरा रहा नकदी संकट का खतरा कम होने लगा है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक शीर्ष 50 एनबीएफसी पर बारीक नजर रख रहा है, ताकि जरूरत पड़ने उन्हें मदद उपलब्ध कराई जा सके।

नीतिगत दरों में कटौती से आमजन को राहत मिलने के आसार

शक्तिकांत दास के अनुसार नीतिगत दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को देना ज्यादा जरूरी है, अन्यथा कटौती का मकसद बेकार हो जायेगा। पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता के अनुसार बैंकों ने दरों में 10 से 12 आधार अंक की कटौती की है और नीतिगत दरों में और कटौती करने और नकदी की स्थिति में सुधार होने से बैंक कर्ज की दरों में और भी कटौती कर सकते हैं।

सरकार के प्रयासों से सुधर रही बैंकों की हालत, कम हो रहा एनपीए

सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप कई कॉरपोरेट ऋणदाताओं ने दिसंबर, 2018 की तीसरी तिमाही में अपनी परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया है, जिससे बैंकों के एनपीए में कमी आई है। एनपीए में कमी आने और वसूली में तेजी आने से आने वाले दिनों में बैंकों की वित्तीय स्थिति में और भी सुधार आने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019 की तीसरी

आरबीआई द्वारा रेपो दर में कमी से अर्थव्यवस्था को और अधिक गति मिलने की संभावना

रिजर्व बैंक ने नये गवर्नर की अगुआई में रेपो दर में कटौती करके समीचीन फैसला किया है। अब बारी है बैंकों की। अगर बैंक कर्ज ब्याज दर में कटौती करते हैं तो इसका सीधा फायदा कर्जदारों को मिल सकता है साथ ही साथ इससे रोजगार सृजन में इजाफा तथा अर्थव्यवस्था को भी और अधिक गति मिल सकती है।

आईबीसी क़ानून के जरिये फंसे कर्ज की वसूली से बैंकों की वित्तीय स्थिति में तेजी से हो रहा सुधार

भले ही बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) का इलाज लोगों को मुश्किल लग रहा है, लेकिन सरकार और बैंकों के प्रयास से मामले में सकारात्मक परिणाम परिलक्षित होने लगे हैं। एक तरफ सरकार समय-समय पर बैंकों को विभिन्न जरूरतों, उदाहरण के तौर पर, नियामकीय और फंसे कर्ज आदि  के लिये पूँजी मुहैया करा रही है तो दूसरी तरफ नये-नये क़ानूनों जैसे, भगोड़ा विधेयक,

मोदी सरकार की बड़ी सफलता, लंदन कोर्ट ने दी माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी

भारतीय बैंकों का पैसा लूटकर ब्रिटेन भागने वाले कारोबारी विजय माल्या को देश लाए जाने का रास्ता साफ़ हो गया है। लन्दन की कोर्ट में विजय माल्या के प्रत्यर्पण सम्बन्धी मामले में आज फैसला आया है, जिसमें अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। इस सुनवाई के दौरान भारत की तरफ से अदालत में सीबीआई संयुक्त निदेशक और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो

बैंकों के मर्ज को कम करने के लिये मोदी सरकार की सार्थक पहल

केंद्र सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक सहित 5 सरकारी बैंकों में 113 अरब रुपये डालने का फैसला किया है, ताकि उन्हें नियामकीय पूंजी की जरूरतें पूरी करने में मदद मिल सके। केंद्र सरकार ने पिछले साल सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण योजना के तहत 2.11 लाख करोड़ रुपये पूंजी डालने का फैसला किया था। यह निवेश उसी योजना का हिस्सा है। चूँकि, बैंक अपने अतिरिक्त टियर-1

आपके पैसे डुबाने वाला नहीं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला है एफआरडीआई बिल !

भले ही फाइनेंसियल रेज़ोल्यूशन एंड डिपॉज़िट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल 2017 अभी संसद की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है, लेकिन भ्रामक एवं तथ्यहीन खबरों की वजह से यह बिल रोज ही अखबारों की सुर्खी बन रहा है। इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश किया जाने वाला है। सरकार के दोनों सदनों में पर्याप्त बहुमत होने के कारण कयास लगाये जा रहे हैं कि यह बिल आसानी से दोनों सदनों में पारित हो