सतीश सिंह

वैश्विक मंदी के बावजूद स्थिर और उम्मीदों भरी है भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत

कोर क्षेत्र में दिसंबर और जनवरी में तेजी रही है। चालू तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में बेहतरी की उम्मीद है। देश के 8 प्रमुख उद्योगों (कोर क्षेत्र) की विकास दर जनवरी में 2.2 प्रतिशत रही। उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 28 फरवरी को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोयला और सीमेंट क्षेत्र का कोर क्षेत्र की तेजी में प्रमुख योगदान रहा। एक साल पहले की समान अवधि में कोर क्षेत्र

आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की पहल

भले ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से 6 फरवरी, 2020 की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया, लेकिन दूसरे उपायों से केंद्रीय बैंक, बैंकों को सस्ती पूँजी उपलब्ध करायेगा। रिजर्व बैंक का कहना है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर वह दरों में कटौती भी कर सकता है। अभी मुद्रास्फीति की दर 7.4 प्रतिशत है और ऐसी

बजटीय प्रावधानों से बैंक होंगे मजबूत, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति

बैंकों को अर्थव्यवस्था का मूल आधार माना जा सकता है। इन्हें मजबूत किये बिना हम अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं। भारत को 2024 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये बैंकिंग क्रेडिट को मौजूदा स्तर से दोगुना करना जरूरी है जिस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद के पटल पर बजट-2020-21 प्रस्तुत किया। इस बजट में समाज के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँचने की नीतिगत मंशा दिखाई देती है। यूँ तो यह बजट सबके लिए कुछ न कुछ लेकर आया है, फिर भी इसे मुख्यतः किसान केन्द्रित कहा जा सकता है।

बजट 2020 : अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला एक सर्वस्पर्शी बजट

आम बजट में किये गये प्रावधानों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की प्रबल संभावना है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग क्षेत्र, प्रत्यक्ष एवं अ प्रत्यक्ष कर में राहत देने, रेलवे एवं कुछ अन्य क्षेत्रों में पीपीपी मॉडल अपनाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। अंतिम उपभोग व्यय में तेजी लाने से स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन

चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे को भारत में मंजूरी मिलने का मतलब

5जी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये गुणवततापूर्ण स्मार्ट फोन का होना जरूरी है। चीनी मोबाइल कंपनी हुआवे कई फीचरों से लैस है, जिससे आम आदमी का जीवन आसान हो जायेगा। इसके अलावा, मोबाइल उद्योग का भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह रोजगार सृजन का भी बहुत बड़ा जरिया है। लिहाजा, सिर्फ विरोध करने भर के

‘सबका साथ सबका विकास’ की संकल्पना को साकार करने वाला बजट बनाने में जुटी सरकार

वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाने वाला है और बजट पेश करने से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को “आर्थिक सर्वे” जारी किया जायेगा। वित्त वर्ष 2015-16 के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब आम बजट शनिवार को पेश किया जायेगा। मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जायेगा। इससे पहले फरवरी के अंतिम सप्ताह में बजट पेश किया जाता था। अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने आम बजट एक महीने पहले पेश करने का

ग्रामीण उद्योगों के विकास से ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने की कवायद

केंद्र सरकार खादी और ग्रामीण उद्योग के विकास के लिये योजना बना रही है, जिसकी मदद से आगामी 5 सालों में ग्रामीण उद्योगों के टर्नओवर को बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रूपये किया जा सकेगा। फिलहाल, ग्रामीण उद्योगों का टर्नओवर 75 हजार करोड़ रुपए है। 

ये तथ्य संकेत देते हैं कि नए साल में मजबूत रहेगी अर्थव्यवस्था

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान नई परियोजनाओं में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ है। पिछले साल की तीसरी तिमाही के मुकाबले यह रकम ज्यादा है। पिछले साल इस दौरान परियोजनाओं में 3.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था। परियोजनाओं की गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी

दिखने लगे हैं आईबीसी क़ानून के सकारात्मक परिणाम

ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं,  हालाँकि, इसका सफर मुश्किलों भरा रहा है। लंबे समय की रणनीति और निरंतर सुधार की परिणति है यह। दूसरे देशों में भी इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन हेतु आईबीसी को लाने में लंबा समय लगा है।