जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद-370 की समाप्ति से टूटी आतंकवाद की कमर, पनप रही विकास की नयी संभावनाएं
370 में हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में 36% की कमी आई है। गत वर्ष जनवरी से जुलाई के बीच 188 आतंकी गतिविधियाँ दर्ज की गई जबकि इसी अवधि में इस वर्ष 120 आतंकी गतिविधियाँ दर्ज की गई।
‘यह युग प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप नए भारत के निर्माण का है’
5 अगस्त, 2020 को भूमिपूजन/शिलान्यास न केवल मंदिर का है, वरन एक नए युग का भी है। यह नया युग प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप नए भारत के निर्माण का है।
मार्क्सवाद का अर्धसत्य : मार्क्सवाद के वास्तविक चेहरे का साक्षात्कार कराती किताब
मार्क्सवाद की विचारधारा अपने आप में अनेक विडंबनाओं से घिरी हुई है। इस विचारधारा के कथ्य और तथ्य के बीच सत्य की कसौटी पर भारी अंतर है।
अनुच्छेद-370 हटने के बाद बदल रही जम्मू-कश्मीर की तस्वीर
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस एक साल में कश्मीर की छवि इसकी पूर्ववर्ती छवि से विपरीत बनती जा रही है। जो क्षेत्र विध्वंस, पिछड़ेपन का पर्याय बन गया था, वह अब प्रगति के सोपान चढ़ रहा है।
लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध
हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।
जम्मू-कश्मीर का शेष भारत से सही अर्थों में एकीकरण करने में कामयाब रही मोदी सरकार
अनुच्छेद-370 खत्म होने के एक लगभग एक साल पूरे होने पर आज हम देख सकते हैं कि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से न केवल आतंकवाद-अलगाववाद में कमी आई है, बल्कि आम जनता को राहत मिली है।
अनुच्छेद-370 हटने के एक साल में शांति और विकास के पथ पर बढ़ चला है जम्मू-कश्मीर
पहले जम्मू-कश्मीर में केंद्र द्वारा जारी की गयी विकास की राशि का ठीक से इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब इसी एक साल के अन्दर कश्मीर के गाँवों में 20,000 से ज्यादा छोटे बड़े विकास कार्यों की आधारशिला रखी गई है
मोदी सरकार के प्रयासों से अलगाववाद और हिंसा से मुक्त हो विकास के पथ पर बढ़ रहा पूर्वोत्तर
वर्तमान सरकार भारत के इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में विकास-कार्यों में लगी है और यहां तमाम तरह की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दे रही है।
‘भारतीय कम्युनिस्टों का चरित्र ऐसा है कि वे किसी के सगे नहीं हो सकते सिवाय अपने स्वार्थों के’
वो वामपंथी उदारवादी जो असहमत होने के अधिकार को संविधान द्वारा दिया गया सबसे बड़ा अधिकार मानते हैं, वही दूसरों की असहमति को स्वीकार नहीं कर पाते।
परिवारवाद के चंगुल में फँसी पतन की ओर बढ़ती कांग्रेस
राजस्थान विधानसभा के बाद सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बनकर उभरे थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंप दी।