पॉलिटिकल कमेंटरी

इस सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान के साथ-साथ सबूत मांगने वालों की भी बोलती बंद कर दी है !

पिछले कुछ दिनों से देश की सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा फायरिंग और हमले की घटनाएं बढ़ती नज़र आ रही थीं। पाक की इन नापाक हरकतों से देश में फिर उड़ी हमले के बाद जैसा ही आक्रोश जमा होने लगा था। पिछले साल मोदी सरकार ने उड़ी हमले के जवाब में पकिस्तान पर जो सर्जिकल स्ट्राइक करवाई थी, उसकी वजह से लोगों की उम्मीद सरकार से काफी ज्यादा थी।

विपक्ष के अवरोधों के बावजूद तीन वर्षों में विकास-पथ पर सतत बढ़ती रही है सरकार

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों के शासनकाल के दौरान सरकार के क़दमों से देश की छवि में व्यापक रूप से बदलाव आया है। इस दौरान ये सरकार एक निर्णयकारी सरकार के रूप में उभरी है और यही कारण है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रशासकीय छवि, लोक-कल्याण को समर्पित नीतियों, मज़बूत इच्छाशक्ति और सशक्त नेतृत्व की असीम क्षमता की स्वीकृति पूरे विश्व में देखने को मिली है।

भारत के प्राचीन वैभव की पुनर्स्थापना के तीन वर्ष

इन तीन वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा उठाए गए छोटे-बड़े तमाम क़दमों का लक्ष्य अंततः भारत को विश्व का सिरमौर बनाना, इक्कीसवीं सदी को भारत की सदी बना कर देश को फिर से विश्व गुरु के आसन पर विराजमान कराना और माँ भारती के पुरा-वैभव की पुनर्स्थापना करना है। और ऐसा करते हुए

मोदी सरकार ने जाधव मामले में जो किया है, वो संप्रग सरकार सरबजीत मामले में क्यों नहीं कर सकी ?

भारतीय नागरिक व पूर्व नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्‍तानी सैन्‍य अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा के मामले में गुरुवार को देश-दुनिया की निगाहें अंतर्रराष्‍ट्रीय अदालत के फैसले पर टिकी थीं। लोग टेलीविजन से चिपके एक-एक बात को ध्‍यान से सुन समझ रहे थे। आखिर फैसले की घड़ी आई और थोड़ी ही देर में सब कुछ स्‍पष्‍ट हो गया। लोगों ने वही सुना जो वे सुनना चाहते थे। कोर्ट ने कुलभूषण की फांसी

लालू पर लगे भ्रष्टाचार के ताज़ा आरोपों के बाद क्या सोच रहे होंगे नीतीश ?

चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव और उनके बेटे बेटियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई। आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हजार करोड़ रुपए के आसपास बेनामी संपत्ति उनके बेटों और बेटियों के नाम पर की गईं। यह तो जांच के बाद साफ हो पाएगा कि इन आरोपों में कितना दम है, लेकिन लालू यादव एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों में बुरी तरह से घिरते नजर आ रहे हैं। पटना में अस्सी लाख की मिट्टी खरीद का आरोप

कपिल मिश्रा के आरोपों के आगे निरुत्तर नज़र आ रही आम आदमी पार्टी

क्या अरविन्द केजरीवाल कपिल मिश्रा के आरोपों को केवल इसलिए दरकिनार कर सकते हैं, क्योंकि वह कभी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से जुड़े हुए थे ? राजनीति में कोई भी संशय से परे नहीं होता, केजरीवाल भी नहीं। भारत में अगर कोई नेता इस यथार्थ को झुठलाकर भोली-भाली जनता को चकमा देने की कोशिश करे तो जनता उसे नकार देती है। दिल्ली की जनता कुछ समय के लिए मोहपाश में बंध गई थी।

नेशनल हेराल्ड केस : आयकर विभाग की जांच से इतना घबरा क्यों रही है कांग्रेस ?

नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा यंग इंडियन कंपनी की जांच आयकर विभाग से कराए जाने का आदेश दिए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गयी है। उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक अब कंपनी को अपने दस्तावेज आयकर विभाग को सौंपने ही होंगे। बता दें कि इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद सोनिया और

क्या है आम आदमी पार्टी की अंतर्कलह का कारण ?

आम आदमी पार्टी का झगड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जो चीजें सामने नहींआ रही थीं, वो भी अब सामने आने लगी हैं। अरविंद केजरीवाल पर अपने रिश्तेदारों को आर्थिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। एक समय में उनके लेफ्टिनेंट रहे दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने ही केजरीवाल पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ छवि केजरीवाल की सबसे बड़ी पूंजी थी। उनकी ईमानदारी को चौबीस कैरेट का

कांग्रेस सरकारों की उपेक्षा से पिछड़े पूर्वोत्तर राज्यों को सँवारने में जुटी मोदी सरकार

शिलांग के स्‍वयंसेवी संगठन “भारत सेवाश्रम संघ” के शताब्‍दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी संसाधनों के बावजूद पूर्वोत्‍तर के पिछड़ने का कोई कारण नहीं है। देखा जाए तो पूर्वोत्‍तर के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस की “बांटो और राज करो” वाली नीति जिम्‍मेदार रही है। वोट बैंक की राजनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए कांग्रेस ने यहां के कबीलों को आपस में लड़ाकर अपना हित साधा। इसी

ईवीएम के बहाने कपिल मिश्रा के आरोपों से ध्यान भटकाने में लगे केजरीवाल

क्या दिल्ली विधानसभा में हुए ई वी एम के बचकाने और फर्जी तमाशे से अरविंद केजरीवाल कपिल मिश्रा की लगाई कालिख अपने चेहरे से साफ कर लेंगे? कतई नहीं। उन पर दो करोड़ रुपये की घूस लेने के आरोप उनके अपने साथी रहे कपिल मिश्रा लगा रहे हैं। केजरीवाल के चंपू मंत्री और साथी, जिनमें मनीष सिसोदिया और संजय सिंह शामिल हैं, कह रहे हैं कि कपिल मिश्रा के आरोपों पर जवाब देना भी समय बर्बाद करना है।