सतीश सिंह

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में वृद्धि से महँगाई में आएगी कमी

रेपो दर में बढ़ोतरी से महँगाई कम होती है, इसलिए, महँगाई को सहनशीलता सीमा के अंदर लाने के लिये रिजर्व बैंक को ताजा मौद्रिक समीक्षा में भी रेपो दर में इजाफ़ा करना पड़ा।

भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देते बैंक

कर्ज वितरण में तेजी आने, सीडी अनुपात के सकारात्मक रहने और बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन में बेहतरी आने से अर्थव्यवस्था की मजबूती के ही संकेत मिल रहे हैं।

वैश्विक मंदी के असर से मुक्त रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

आंकड़ों से साफ़ है, दुनिया के विकसित देश मंदी की गिरफ्त में आने के कगार पर हैं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत बनी हुई है।

विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत

भारतीय अर्थव्यवस्था जिस दर से आगे बढ़ रही है, उसी रफ़्तार से आगे बढ़ते हुए वह ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।

स्वतंत्रता दिवस विशेष : भारत के स्वाभिमान, स्वतंत्रता, आकांक्षा तथा आदर्श का प्रतीक है तिरंगा!

18 जुलाई, 1947 को हमारे तिरंगा को एक मानक रुप प्रदान किया गया और भारत के राष्ट्रध्वज को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने स्वीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को इसे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अंगीकार किया गया। 

आरबीआई द्वारा रेपो दर में वृद्धि से वस्तुओं के दामों में आएगी कमी

विश्व की लगभग सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अपनी वृद्धि रफ्तार को दुरुस्त करने की को​शिश कर रही हैं, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में ज्यादा मजबूत है। इसलिए, विशेष चिंता की जरूरत नहीं है।

वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में कारगर सिद्ध होगा अकाउंट एग्रीगेटर

अकाउंट एग्रीगेटर व्यवस्था के विकसित होने से ग्राहकों की वित्तीय जानकारियों को जानना आसान हो सकेगा, जिससे वित्तीय संस्थानों को ऋण देने में आसानी होगी।

ये तथ्य बताते हैं कि मजबूती की ओर अग्रसर है भारतीय अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने पहले वाले 7.2 प्रतिशत वृद्धि दर के अनुमान को बरकरार रखा है।

वोस्ट्रो खाता : रूपये में अंतर्राष्ट्रीय कारोबार की पहल से अर्थव्यवस्था में आएगी मजबूती

डॉलर दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा है, इसी कारण अंतर्राष्ट्रीय कारोबार डॉलर में हो रहा है, लेकिन नई व्यवस्था को अपनाने के बाद भारत रुपए में कारोबार कर सकेगा।

बेहतर होता बैंकों का प्रदर्शन, अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत

बैंकों का सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए महामारी के पहले के स्तर से बेहतर हुआ है। अब ऋण खाते फिसलकर एनपीए में कम तब्दील हो रहे हैं।