ब्लॉगवाणी

भोपाल में आयोजित लोकमंथन से एक नई राह की उम्मीद

समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में कार्यरत युवा एक होकर, एक मंच पर आकर अगर राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ देश के संकटों का हल खोजें तो इससे अच्छी क्या बात हो सकती है। भोपाल में 12 से 14 नवंबर को तीन दिन के लोकमंथन नामक आयोजन की टैगलाइन ही है-“’राष्‍ट्र सर्वोपरि’ विचारकों एवं कर्मशीलों का राष्‍ट्रीय विमर्श।” जाहिर तौर पर एक सरकारी आयोजन की इस प्रकार की भावना

धर्मांध शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाने की ये कैसी कांग्रेसी मजबूरी ?

एक धर्मांध, विस्तारवादी और बर्बर शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर कांग्रेसी उतावलापन उसके समुदाय विशेष के तुष्टिकरण कारनामों के पुलिंदे में एक नया आयाम जोड़ रहा है। वह भी ऐसे समय में जब स्वयं कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि टीपू कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं था, वह महज एक शासक था जो अपने हितों के लिए लड़ा। समाज या देश के विकास में उसका कोई योगदान नहीं था। माननीय

नजीब मामले में उजागर हुई वामपंथी छात्र संगठनों की संदिग्ध भूमिका

नजीब के नाम पर वामपंथी संगठन और कांग्रेस के नेताओं के साथ तीन नवंबर को जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अरविन्द केजरीवाल भाषण देते हुए नजर आए तो उनकी यही बात बरबस याद आ गई, ‘‘सब मिले हुए हैं जी।’’ नजीब के नाम पर अरविन्द केजरीवाल जरूर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंच गए, लेकिन ये नजीब, अरविन्द के पुराने मित्र दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग नहीं थे, बल्कि

भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा को धूमिल करने वालों की साज़िश को समझने की जरूरत

इस संसार में सबसे अधिक शक्ति यदि किसी में है तो वह है मनुष्य के विश्वास में क्योंकि यदि विश्वास सकारात्मक है तो आप मृत्यु के मुख से भी वापस आ सकते हैं जैसे उदाहरण के लिए परम वीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव को ही लें जिनका उनके ईश्वर की सत्ता और देश प्रेम में अटूट विश्वास था जिसके कारण वह टाइगर हिल्स की पहाड़ियों पर हुए विद्ध्वन्स्कारी कारगिल युद्ध से जीवित आ गये। यदि विश्वास किसी पर

सेना के जवानों संग दीपावली मनाने की शानदार पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सकारात्मक दिशा में नवीन प्रयोगों और नवाचारों के लिए विश्व भर में ख्यातिलब्ध हैं। हमेशा सकारात्मक दिशा में कुछ नया करने की सतत कोशिश नरेंद्र मोदी को औरों से अलग बनाती है। दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों से यह अपील की है कि वे सीमा पर हर पल तैनात हमारी सेना के जवानों को शुभकामना संदेश भेजें। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर एक चार मिनट

रूस और अमेरिका दोनों को साथ-साथ लेकर बढ़ती भारतीय विदेश नीति

भारतीय विदेश नीति के समक्ष लम्बे समय से यह एक यक्ष-प्रश्न बना हुआ था कि रूस और अमेरिका में से भारत किसके साथ बढ़े। ये दोनों देश महाशक्ति और दोनों से संबंधों का बेहतर होना आवश्यक लेकिन इनकी आपसी प्रतिद्वंद्विता के कारण एक से नजदीकी रखने पर दूसरे के दूर होने का संकट संभावना भी प्रबल हो जाती थी। लेकिन, मोदी सरकार ने अपनी सूझबूझ और दूरदर्शिता से पूरें विदेशनीति के जरिये इन

मुस्लिम महिलाओं के हितों के लिए जरूरी है शरियाई व्यवस्थाओं का खात्मा

लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ने देश की जनता से कॉमन सिविल कोड या यूनिफार्म सिविल कोड (सामान नागरिक संहिता ) पर सभी से 16 सवाल किये हैं। जिनका मकसद है सरकार संविधान में दिए दिशा निर्देशों पर चलते हुए देश में सभी नागरिकों के लिए एक सामान आचार संहिता लागू की जा सके।  गौरतलब है

लोक-साहित्य : भारतीय परम्पराओं का जीवंत प्रमाण

देवेंद्र सत्यार्थी के शब्दों में, लोक साहित्य की छाप जिसके मन पर एक बार लग गई फिर कभी मिटाए नहीं मिटती। सच तो यह है कि लोक-मानस की सौंदयप्रियता कहीं स्मृति की करूणा बन गई है, तो कहीं आशा की उमंग या फिर कहीं स्नेह की पवित्र ज्वाला। भाषा कितनी भी अलग हो मानव की आवाज तो वही है।

ब्रिक्स के मंच से भी पाक को अलग-थलग करने की नीति को आगे बढ़ाएगा भारत

भारत के तटीय राज्य गोवा में आगामी 15 और 16 अक्टूबर को भारत की मेजबानी और अध्यक्षता में आठवीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। ऐसे समय में, जब समूचा विश्व आतंकवाद, राजनीतिक संकट, सुरक्षा चिंता और आर्थिक मंदी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, वैसे में ब्रिक्स जैसे वैश्विक संगठनो का महत्व अपने आप बढ़ जाता है। भारत इस शिखर सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर

राफेल के आने से बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत

आखिरकार लंबे इंतज़ार के बाद भारत और फ्रांस के बीच बहुप्रतीक्षित राफेल डील पर मुहर लग गयी। इस सौदे के तहत फ्रांस भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान देगा। भारत और फ्रांस सरकार के बीच राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 7।87 अरब यूरो (करीब 59,000 करोड़ रूपए) के सौदे पर सहमति बनी है। ज्ञातव्य हो कि फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव ल द्रियां और भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने 23 सितम्बर, 2016 को