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भारत ने किया पीडीवी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ी भारतीय सेना की ताकत

मोदी सरकार द्वारा केंद्र की सत्ता में आने के पश्चात् भारत की सैन्य-शक्तियों को बढ़ाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक कदम उठाए गए हैं, जिनके फलस्वरूप आज भारत हवा, पानी और ज़मीन तीनों मोर्चों पर पर अपनी तरफ आँख उठाने वाले को माकूल जवाब देने के लिए तैयार नज़र आने लगा है। इसी क्रम में भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाते हुए एडवांस्ड एयर डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल के अंतर्गत पीडीवी का

राजनीति नहीं, राष्ट्रवाद की पोषक थी दीनदयाल उपाध्याय की भावना

भारतीय स्वतंत्रता के पूर्व राम राज्य की जो परिकल्पना पेश की गयी थी, उसे कांग्रेस की छद्म धर्मनिरपेक्षता निगल गयी। कांग्रेस ने आजादी के पहले ही अपने लिए एक रास्ता तय कर लिया था, जहां मुस्लिम तुष्टिकरण को धर्मनिपेक्षता का आवरण ओढ़ा दिया गया और इसके सहारे बहुसंख्यक हिंदुओं के मूल भावना से लगातार खिलवाड़ किया जाने लगा। इस कुकृत्य में तब के कांग्रेस के सभी शीर्ष नेता शामिल थे।

घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए बनने लगा माहौल

सन १९९० में कश्मीरी पंडितो को कट्ट्रपंथियों के दबाव में मजबूरन अपना घर छोड़कर घाटी को अलविदा कहना पड़ा था, मगर आज २७ साल बाद उन्हें पुन अपने घर वापसी का रास्ता मिल गया है। २० जनवरी २०१७ को जम्मू कश्मीर विधान सभा में सभी दलों की सर्वसहमति के पश्चात् घाटी के पंडितो को विस्थापित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस प्रस्ताव के पारित होने के ठीक २७ वर्ष

रिज़र्व बैंक की स्वायत्तता को लेकर बेजा हंगामा

नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्वायत्तता को लेकर इन दिनों खूब सवाल उठ रहे हैं । रिजर्व बैंक के कुछ पूर्व गवर्नर, नोबेल सम्मान से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन आदि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता और उसकी आजादी को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं । इनका कहना है कि विमुद्रीकरण के दौरान सरकार ने रिजर्व बैंक के कामकाज में दखल दिया और सरकार के कहने पर ही बैंक के बोर्ड ने छियासी

भारत की प्रगति के लिए ‘भारतीयता’ को आवश्यक मानते थे पं दीनदयाल उपाध्याय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय को जितनी समझ भारतीय संस्कृति और दर्शन की थी, उतनी ही राजनीति की भी थी। व्यक्तिगत स्वार्थ में लिप्त राजनीति पर वे हमेशा प्रहार करते थे। पंडित जी जब उत्तर प्रदेश के सह प्रांत-प्रचारक थे, उस समय उनके निशाने पर भारत सरकार की गलत नीतियों के साथ-साथ देश में फैली निराशा भी रहती थी। उस समय देश में कांग्रस की सरकार थी और उस समय देश के प्रधानमंत्री

कश्मीर में उखड़ने लगे अलगाववादियों के पाँव

जम्मू-कश्मीर की कहानी किसी से छुपी नहीं है, मगर बदलते दौर में सुधार की गुंजाईश भी इस राज्य में बढ़ी है, जिसकी बानगी हमे अलगाववादी खेमों के घटते जनसमर्थन के रूप में देखने को मिल रही है। हाल ही में अलगाववादियों ने अपना हड़ताली कैलेंडर जारी किया जिसमे उन्होंने २६ जनवरी को कश्मीर में यौम-ए-स्याह के तहत सिविल कर्फ्यू लागू करने की बात की, जिससे गणतंत्र दिवस को काले दिन के

युवा दिवस : स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लें देश के युवा

युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा देश का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं। उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।

भारतीय ज्ञान-परंपरा के वाहक हैं अभिनवगुप्त : जे. नंदकुमार

पिछले वर्ष तक देश में आचार्य अभिनवगुप्त के बारे में शोधार्थियों को भी अधिक जानकारी नहीं थी। परंतु, जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के प्रयास से देश में एक वातावरण बन गया है। आचार्य अभिनवगुप्त का विचारदर्शन चर्चा का विषय बना है। आचार्य भारतीय ज्ञान-परंपरा के वाहक हैं। उन्होंने भारतीय ज्ञान-परंपरा को सामान्य जन तक पहुंचाने के लिए महत्त्वपूर्ण रचनाएं की हैं। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के

शुचिता की राजनीति के पर्याय थे सुन्दरलाल पटवा

मध्य प्रदेश सरकार का दो बार नेतृत्व कर चुके भारतीय जनता पार्टी के नेता सुंदरलाल पटवा का निधन न केवल उनके दल बल्कि प्रदेश की समूची राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। जितना भाजपा में उनका सम्मान था, कांग्रेस के नेता भी उतना ही मान उनको देते थे। सरल हृदय के राजनेता सुंदरलाल पटवा स्वयं भी विपक्ष का बेहद सम्मान करते थे। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि वह शुचिता की राजनीति

अग्नि-5 का हुआ सफल परीक्षण, भारत की तरफ आँख उठाने से पहले सौ बार सोचेंगे चीन-पाक

भारत ने अपने रक्षातंत्र को मजबूत करते हुए, अग्नि पंचम को अपने बेड़े में शामिल किया हैं, जो कि अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा निर्मित इस प्रक्षेपास्त्र के आने के बाद अब आधी दुनिया भारत की जद में होगी और पाकिस्तान के साथ चीन जैसे पड़ोसी मुल्क अब अपने हलक से ज़ुबान निकालने में जरूर एक मर्तबा सोचने को विवश होंगे। देश की यह अत्याधुनिक